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इस तकनीक से बिना प्रेगनेंट हुए ही मां बन सकेंगी औरतें…बच्चे का रंग रूप भी चूज करने का मिलेगा ऑप्शन

न्यूज़ डेस्क : कहते हैं मां बनना इस दुनिया का सबसे बड़ा सुख होता है, हर शादीशुदा जोड़े की ख्वाहिश होती है कि वह माता-पिता बने, कुछ लोग आसानी से माता-पिता बनने का सुख पा लेते हैं जबकि कुछ को यह सुख नहीं मिल पाता .कुछ मामले में आईवीएफ भी फेल हो जाती है ऐसे कपल के लिए खुशखबरी है, साइंस ने बिना प्रेग्नेंट हुए ही मां बनने का रास्ता निकाल दिया है. वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिसकी मदद से बच्चे प्राकृतिक गर्भाशय के बिना पैदा हो सकेंगे. जो कपल्स इनफर्टिलिटी, यूटरस कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के चलते बच्चे को जन्म नहीं दे सकते, उनके लिए यह तकनीक किसी ख्वाब से कम नहीं है. इसे आर्टिफिशियल वॉम्ब फैसिलिटी के नाम से जानते हैं. यह तकनीक एक्टोलाइफ नाम की कंपनी ने बनाई है.जानते हैं इसके बारे में विस्तार से……..

क्या है आर्टिफिशियल वॉम्ब फैसिलिटी

इस फैसिलिटी से उन कपल्स के मन में एक उम्मीद की किरण जागी है जो संतान का सुख पाने की उम्मीद खो चुके हैं.आर्टिफिशियल वॉम्बकी मदद से बच्चे पैदा करने की तरकीब को ही आर्टिफिशियल वॉम्ब फैसिलिटी कहा जाता है. आर्टिफिशियल गर्भाशय की डिजाइन मां के शरीर में मौजूद असली गर्भाशय की तरह किया गया है और तो और इस गर्भाशय में पैदा होने वाला बच्चा बहुत खास होगा. इसमें माता पिता अपने हिसाब से बच्चे में सारी अच्छी क्वालिटी कस्टमाइज कर पाएंगे. माता-पिता अपने मुताबिक रंग, चेहरे की बनावट, आदतें और यहां तक कि जिन भी बदलवा सकते हैं. इस तकनीक की मदद से आंखों का रंग बच्चों का कद सब कुछ माता-पिता चूज कर सकते हैं.कंपनी ने दावा किया है कि इस तकनीक की मदद से बच्चा सही सलामत पैदा होगा, एक्टोलाइफ के पास हाई इक्विपमेंट वाली 75 लैब है हर लैब में 400 ग्रोथ पॉड्स है जहां गर्व की तरह बच्चे पढ़ सकते हैं

कैसे करेगा काम?

इस तकनीक की मदद से मशीन में पुरुष के स्पर्म और महिला के एक को मिलाया जाता है फिर मां की कोख की तरह ही मशीन काम करना शुरू कर देती है. बर्थ पॉड्स में आर्टिफिशियल अंब्लिकल कॉर्ड होगी जिससे बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते रहेंगे, जिस तरह से मां के गर्भ में फ्लूड होता है उसी तरह केआर्टिफिशियल वॉम्ब एमिनोओटिक्स डाला जाएगा जैसे जैसे बच्चे का विकास होगा वैसे वैसे उसके मुताबिक पोषक तत्व डाले जाएंगे. डॉक्टर का कहना है कि 9 महीने तक जैसे बच्चे मां के गर्भ में रहते हैं वैसे यह आर्टिफिशियल वॉम्ब में रहेंगे, इसलिए सेहत में कोई खतरा नहीं होगा हालांकि डॉक्टर यह भी कहते हैं कि अभी तक यह उपयोग नहीं हुआ है इसलिए कुछ भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें,  हम इनकी पुष्टि नहीं करते है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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Author: nirbhiknazar

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