नई दिल्ली : देशभर की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ‘UGC Fees Refund Policy 2023-24’ जारी की है. यूजीसी ने एडमिशन वापिस लेने की स्थिति में फीस वापस करने के संबंध में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस (HEIs) के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने कहा कि उन्हें एडमिशन कैंसिल करने या वापस लेने के बाद एचईआई द्वारा फीस वापस न करने को लेकर छात्र और पैरेंट्स शिकायत कर रहे थे. यूजीसी का कहना है कि छात्रों को उनके द्वारा चुने गए प्रोग्राम को चुनने के लिए एक निर्दिष्ट अवधि के अंदर पूरी फीस वापस करनी होगी. आयोग ने 27 जून को आयोजित अपनी 570वीं बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद दिशा-निर्देश जारी किए. यूजीसी द्वारा जारी ‘फीस रिफंड पॉलिसी 2023-24’ के अनुसार 30 सितंबर तक दाखिला वापस लेने वाले छात्रों की पूरी फीस कॉलेज वापस करेगा. वहीं 31 अक्टूबर तक एडमिशन वापस लेने वाले छात्रों की 1000 रुपये कटौती के साथ फीस वापस की जाएगी.
फीस वापसी के लिए 31 अक्टूबर के बाद लागू होंगे ये नियम
फीस वापसी और मूल प्रमाणपत्रों को बरकरार न रखने पर अक्टूबर 2018 में घोषित यूजीसी अधिसूचना में शामिल प्रावधान 31 अक्टूबर के बाद लागू होंगे. यहां देखें क्या हैं नियम-
यूजीसी ने जारी किए ये नियम
- 100 प्रतिशत फीस वापसी: एडमिशन की निर्धारित समय सीमा के 15 दिन या अधिक पहले तक.
- 90 प्रतिशत फीस वापसी: एडमिशन की आखिरी तारीख से 15 से कम दिन पहले तक.
- 80 प्रतिशत फीस वापसी: एडमिशन की आखिरी तारीख के बाद 15 दिन या उससे कम.
- 50 प्रतिशत फीस वापसी: 30 दिन या उससे कम, लेकिन एडमिशन की औपचारिक रूप से अधिसूचित आखिरी तारीख के 15 दिन से अधिक.
- 0 प्रतिशत फीस वापसी: एडमिशन की आखिरी तारीख के 30 दिन से अधिक दिन होने पर.
यूजीसी ने एचईआई को शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए शुल्क वापसी नीति का अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ आयोग (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023 के प्रावधानों के अनुसार किसी भी शिकायत का निवारण करने का निर्देश दिया है. आयोग का कहना है कि नीति के अनुसार, वे शुल्क वापसी और अक्टूबर 2018 में जारी किए गए मूल प्रमाणपत्रों को बरकरार न रखने पर यूजीसी अधिसूचना के खंड 5 में अधिसूचित दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे.