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चांद के बाद अब सूरज पर फतह की बारी, लॉन्च किया जाएगा मिशन आदित्य-एल1, जानिए पूरी डिटेल्स

नई दिल्ली: भारत ने चांद के दक्षिणी हिस्से पर चंद्रयान को लैंड कराकर एक नया इतिहास बन दिया है। इस मिशन पर दुनियाभर की नजरें बनी हुई थीं। अमेरिका समेत कई देशों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO के चंद्रयान-3 से मिशन से तमाम उम्मीदें लगी हुई हैं। 2025-26 में अमेरिका भी चांद के दक्षिणी हिस्से को फतह करने का प्रयास करेगा।  बताया जा रहा है कि इस मिशन में वह मानव भी भेज सकता है। इसके लिए चंद्रयान से मिली जानकारी उसके लिए बहुत सहायक होंगी।

वहीं अब चांद को फतह करने के बाद इसरो अपने नए मिशन में जुट गया है। इस बार भारतीय स्पेस एजेंसी सूरज को फतह करने के अभियान में लगेगी। इस मिशन के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसे ADITYA-L1 नाम दिया गया है। इसे 28 अगस्त को लॉन्च किया जाना था लेकिन अभी इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई है। अगर स्पेस में सभी स्थिति अनुकूल रहती हैं और लॉन्च राकेट पूरी तरह से तैयार हो जाता है तो सितंबर के पहले हफ्ते में सूरज को फतह करने के लिए भारत का आदित्य-एल1 अपने मिशन पर रवाना हो जाएगा। यह धरती और एल1 पॉइंट के बीच की दूरी लगभग पांच महीने में पूरी करेगा।

क्या है मिशन आदित्य L1?

बता दें कि सूरज के बारे में तमाम जानकारी और रहस्य से पर्दा उठाने के लिए भारत का तह पहला मिशन होगा। इसे धरती और सूरज के बीच में स्थित 5 लाग्रंगियन पॉइंट्स में से पहले पॉइंट्स के बीच स्थापित किया जाएगा। इस पॉइंट को एल-1 नाम दिया गया है। यह एल-1 पॉइंट धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है। इसरो जो स्पेसक्राफ्ट भेजेगा, उसे यहीं रखा जाएगा और वह यहीं इसे अपने काम को अंजाम देगा। इस मिशन को प्रेक्षित करने के लिए इसरो PSLV XL राकेट की मदद लेगा।

इसरो क्यों दे रहा इस मिशन को अंजाम?

विज्ञान ने अभूतपूर्व प्रगति कर ली है लेकिन सूरज के रहस्यों पर अभी भी पर्दा पड़ा हुआ है। यहां कई ऐसे राज दबे हुए हैं, जिससे हम सभी अंजान हैं। इन तमाम राज को उजागर करने के लिए भारत आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च कर रहा है। इसमें कई विषयों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाएंगी। जिसमें कोरोनल हीटिंग और सौर हवा त्वरण के बारे में सौर वातावरण के कपलिंग और गतिशीलता के बारे में, सौर पवन वितरण और तापमान अनिसोट्रॉपी और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) की शुरूआत, फ्लेयर्स, पृथ्वी-अंतरिक्ष के नजदीकी मौसम के बारे में जानकारी इकट्ठा करना आदित्य-एल1 का मुख्य काम रहेगा।

स्पेसक्राफ्ट पर लगाए जाएंगे 6 पेलोड 

सूरज के अध्ययन के लिए भेजे जा रहे आदित्य-एल1 में इसरो 6 पेलोड लगाएगा। इन सभी 6 पेलोड का अलग-अलग काम होगा। इन 6 पेलोड्स के नाम निम्लिखित हैं-

  • VELC पेलोड
  • SUTI पेलोड
  • SoLEXS पेलोड
  • HEL10S पेलोड
  • ASPEX पेलोड
  • PAPA पेलोड
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Author: nirbhiknazar

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