खटीमा: अगले शीत सत्र में राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने के लिए अगले सत्र में विधेयक लाया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा गोलीकांड की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही। इस दौरान पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी है। सीएम ने गोलीकांड में शहीद हुए आंदोलनकारी भगवान सिंह, प्रताप सिंह, धर्मानंद, रतनपुर, सलीम, परमजीत सिंह की प्रतिमा और रामपाल के शिलापट का अनावरण किया।
सीएम ने कहा कि आज का दिन खुशी का नहीं है, बल्कि उन शदीदों को याद करने का दिन है जिन्होंने उत्तराखंड की नींव रखने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोनाकाल में 120 से अधिक देशों को स्वदेशी वैक्सीन देने का काम किया है। उनके नेतृत्व में पूरी दुनिया की देश के प्रति श्रद्धा बढ़ी है। उन्होंने चंद्रयान-3 का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब चंदा मामा दूर के नहीं रह गए हैं।
शहीद स्मारक के लिए पांच लाख रुपये की घोषणा
पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन किया। सांसद ने शहीद स्मारक के लिए सांसद निधि से पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। सांसद भट्ट ने कहा कि खटीमा सीएम धामी की कर्मभूमि है। वह यहां निरंतर काम कर रहे हैं। धामी के कुशल नेतृत्व का ही नतीजा है कि राज्य को केंद्र से एक लाख करोड़ का अतिरिक्त बजट मिला है
80 से अधिक नकल माफिया जा चुके हैं जेल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश के सभी राज्यों के अध्ययन के पश्चात देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया और 80 से अधिक नकल माफिया जेल के सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने कहा कि जिस भी अभ्यर्थी में योग्यता, प्रतिभा और क्षमता होगी, उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। संवाद
आंदोलनकारियों ने सौंपा ज्ञापन
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच में सीएम को छह सूत्री मांग पत्र सौंपा। इसमें राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन वृद्धि, घायलों के नाम का भी शिलापट स्मारक में रखने, दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली पेंशन के धारकों को भी राज्य आंदोलनकारी पेंशन देने, वास्तविक वंचित राज्य आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण करने की मांग प्रमुख थी। ज्ञापन में गणेश दत्त पंत, जेएस सामंत, कर्नल सिंह, शिवशंकर भाटिया, हरीश जोशी, सर्वेश कुमार पाठक , नित्यानंद, तेज सिंह, कुलवंत सिंह, शंकर दत्त जोशी आदि के हस्ताक्षर हैं।