नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इंडी गठबंधन को एक के बाद एक लगातार झटके लग रहे हैं। इस बीच अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने इंडी गठबंधन को तगड़ा झटका दिया है। दरअसल फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि दोनों राज्यों में संसदीय चुनावों के साथ चुनाव शुरू होंगे। रही बात सीट बंटवारे की तो नेशनल कॉन्फ्रेंस अकेले चुनाव लड़ेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज कर लेती है, तो जो पार्टी विपक्षी इंडी गठबंधन का नेतृत्व करने में विफल रही। वह इसके लिए जिम्मेदार होगी।
इंडी गठबंधन से अलग हुए फारूक अब्दुल्ला
बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी ने घोषणा की थी कि वह पंजाब में अकेले ही चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि बीते दिनों जनता दल यूनाइटेड भी इंडी गठबंधन से अलग हो गया था। इसके बाद बिहार में सरकार गिर गई। नीतीश कुमार और उनकी पार्टी एक बार फिर एनडीए के साथ गठबंधन में आ चुके हैं। वहीं आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी इंडी गठबंधन को छोड़कर भाजपा के साथ मिल गए हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस का इंडी गठबंधन से निकलना विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस बाबत जयराम रमेश ने कहा कि बातचीत जारी है। हर पार्टी की अपनी सीमाएं होती हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी इंडी ब्लॉक का हिस्सा रहे हैं और आगे भी बने रहेंगे।
क्या बोले फारूक अब्दुल्ला
किसान आंदोलन को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमने आवाज उठाई। लगभग 750 लोगों की जानें गईं, बिल वापस ले लिए गए। अब चुनाव आ रहे हैं, किसान फिर वापस आ गए हैं। हमें नहीं पता कि केंद्र क्या सोच रहा है। उम्मीद है कि वे इसके बारे में सोचेंगे। वहीं इलेक्टोरल बॉन्ड पर उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि पार्टियां इसपर सहमत होंगी और विवरण के साथ सामने आएंगी। लोगों को पता होना चाहिए कि धन की ताकत कहां से आ रही है। उम्मीद है कि यह सब चुनाव से पहले घोषित हो जाएगा। वहीं पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि स्थिर पाकिस्तान पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है।