देहरादून: हिमाचल में बीते कुछ दिनों से सियासी उथल पुथल जारी है. राज्यसभा चुनाव के दौरान बगावत करने वाले कांग्रेसी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई. इसके बाद से ही कांग्रेस में सियासी घमासान मचा हुआ है. अब इस मामले में बड़ी खबर आ रही है. बताया जा रहा है कि हिमाचल में जिन विधायकों की सदस्यता रद्द की गई है वे देहरादून पहुंच गये हैं. इनके साथ तीन निर्दलीय विधायक भी देहरादून पहुंचे हैं. जहां से बीते देर सायं कड़ी सुरक्षा के बीच हिमाचल के ये बागी विधायक जौलीग्रांट से ताज होटल के लिए रवाना हुए थे.
#WATCH | A total of 11 MLAs including six rebel Congress MLAs of Himachal Pradesh and three independent MLAs have arrived at a private hotel in Rishikesh, Uttarakhand pic.twitter.com/hZAryxOe75
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 8, 2024
बताया जा रहा है कि बागी कांग्रेस नेताओं के साथ तीन निर्दलीय, 3 बीजेपी विधायक भी हैं. बीजेपी के ये तीनों विधायक हिमाचल में शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं. बताया जा रहा है कि कुल 12 लोग ताज होटल पहुंचे हैं. अभी कांग्रेस के बागी नेताओं के यहां पहुंचने के कारणों को लेकर कुछ भी साफ नहीं हो पाया है. जानकार इसे ऑपरेशन लोटस की कड़ी में उठाया कदम बता रहे है.
बता दें बीते दिनों हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था. जिसके बाद स्पीकर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन सभी की सदस्यता रद्द कर दी. इन विधायकों में धर्मशाला विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा, कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो, गगरेट विधायक चैतन्य शर्मा, लाहौल स्पीति विधायक रवि ठाकुर और बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल शामिल थे. सदस्यता रद्द होने के बाद से ही ये सभी विधायक नाराज चल रहे हैं. कांग्रेस भी लगातार डैमेज कंट्रोल में लगी हुई है.
बता दें कांग्रेस के बागी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी. जिसके बाद बीजेपी उम्मीदवार हर्ष चुनाव जीते थे. राज्यसभा चुनाव में अभिषेक मनु सिंघवी हारे थे. इसके बाद काग्रेस के ये बागी विधायक पंचकूला में रिजॉर्ट में ठहरे थे. राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने इन विधायकों को मनाने की कोशिश की. जिसके बाद ये नेता शिमला पहुंचे. इस दौरान बीजेपी ऑपरेशन लोटस के मोड में दिखी.ये बागी विधायक हिमाचल की सुक्खू सरकार के बजट वोटिंग के दौरान भी गायब थे. जिसके बाद इन बागी नेताओं को बीजेपी नेताओं से नजदीकी और व्हिप उल्लंघन के कारण इनकी सदस्यता रद्द की.