देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान किया है कि शहीदों के परिजनों को मिलने वाली राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया जाएगा. करगिल दिवस की रजत जयंति पर सीएम धामी ने यह बड़ी घोषणा की है. इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी ने और भी ऐलान किए हैं. उन्होंने घोषणा की है कि अब शहीदों के परिजन सरकारी नौकरी के लिए 2 साल नहीं, बल्कि 5 साल तक आवेदन कर सकते हैं.
दरअसल, आज सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में कारगिल विजय दिवस की पच्चीसवीं वर्षगांठ पर दुश्मनों को परास्त कर कारगिल की चोटी पर तिरंगा लहराने वाले अमर सपूतों को याद किया. इस मौके पर सीएम ने कहा प्रदेश सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए पूरी तरह से समर्पित है.
पत्नी के साथ माता-पिता को भी लाभ
सीएम धामी ने अदम्य साहस, शौर्य, पराक्रम साथ दुश्मनों को परास्त कर कारगिल की चोटी पर तिरंगा लहराने वाले अमर सपूतों को याद करते हुए कहा,’सैनिकों को मिलने वाली अनुदान राशि पर कोई मतभेद नहीं होगा. उनके माता-पिता और पत्नी को भी इसका लाभ मिले इस पर हम काम कर रहे हैं.’
आश्रितों को नौकरियों में भी सुविधा
सीएम धामी ने आगे बताया कि शहीदों के आश्रितों को अभी तक जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ग और घ के पद रिक्त होने पर ही नियुक्ति मिलती थी, लेकिन अब अन्य विभागों में भी उक्त समूह के पदों पर रिक्तियां दी जाएंगी. सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों के समतुल्य अवकाश दिया जाएगा.
उत्तराखंड के 75 जवान हुए थे शहीद
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सीएम धामी ने कहा,’कारगिल युद्ध पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर बलिदानियों को शत्-शत् नमन. आप सदैव हमारे स्मरणों में जीवित रहेंगे. कारगिल की विजय गाथा उत्तराखंड के वीर जवानों की चर्चा के बिना पूरी नहीं होती. इस युद्ध में वीर भूमि के 75 जवान शहीद हुए थे. युद्ध में हमारे वीर जवानों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे. भारत की सेना विश्व की सबसे सशक्त सेनाओं में से एक है. कारगिल के युद्ध को भारतीय सेना ने जहां जीता वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में टेबल पर भी हमने यह युद्ध जीता.’