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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्तीय वर्ष 2021-22  मे पेश किया 57000 करोड़ का बजट, पिछले वर्ष भी 4 मार्च को हुआ था बजट पेश

ब्यूरो रिपोर्ट

चमोली: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का 57400.32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। त्रिवेंद्र सरकार का ये पांचवां बजट है। इससे पहले आज सुबह 11 बजे विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान सदन के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट रखी गई। राज्य की विकास दर में वर्ष 2019-20 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार 4.30 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई, जबकि वर्ष 2018-19 में इसमें 5.77 प्रतिशत वृद्धि रहने का संशोधित अनुमान है। वर्ष 2018-19 में अनन्तिम अनुमान के अनुसार प्रचलित भावों पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 2,36,768 करोड़ आंकलित किया गया है। जिसकी तुलना में वर्ष 2019-20 में यह 2,53,666 करोड़ रहने का अनुमान है। स्थिर भावों (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद (अनन्तिम) वर्ष 2018 -19 में 1,91,484 करोड़ आंका गया जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 1,99,718 करोड़ अनुमानित हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.30% की वृद्धि दर्शाता है।

सीएम ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि आगामी 5 सालों से 15 वित्त आयोग से हमें 14 वें वित्त आयोग की तुलना में लगभग दुगनी धनराशि प्राप्त होगी। सीएम ने कहा कि पिछले चार सालों में हमारी सरकार ने कृषि, उद्योग, दुग्ध विकास पशुपालन, मत्स्य, जलागम वन एवं पर्यावरण आदि विभागों के तत्वाधान में आवश्यक नीतियां बनाई हैं. साथ ही जैविक कृषि के महत्व को समझते हुए इसके प्रोत्साहन के लिए प्रदेश में जैविक कृषि अधिनियम 2019 लागू किया गया है। सीएम ने कहा कि सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही परिणाम है कि उत्तराखंड राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार जहां वह 2017-18 में 2 लाख 19 हज़ार 954 करोड़ रुपए था उससे बढ़कर वर्ष 2019-20 में 2 लाख 53 हज़ार 666 करोड़ रुपये हो गया है।  मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने कहा कि हरिद्वार और ऋषिकेश शहर को पूर्णतः सीवरेज योजना से आच्छादित किये जाने के लिए जर्मन विकास बैंक केएफडब्ल्यू की ओर से वित्त पोषित 1200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर दिनांक 20 दिसम्बर, 2018 को त्रिपक्षीय एमओयू हस्ताक्षर हो चुका हैं। इसे कुंभ के बाद शुरू किया जाएगा।  सौंग पेयजल योजना के लिए आय-व्यय में 150 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। “जल जीवन मिशन” (ग्रामीण) हेतु 667 करोड़ 76 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। पेरी अर्बन योजना के लिए आय-व्ययक में इस मद में 328 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। नाबार्ड के अन्तर्गत पेयजल विभाग पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में परम्परागत कृषि। विकास योजना के अन्तर्गत 87 करोड़ 56 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है। गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए इस आय-व्ययक में 245 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ रूपये व एकीकृत आदर्श कृषि। ग्राम योजना में 12 करोड़ का रूपये का प्रावधान है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 67 करोड़ 94 लाख रूपये की धनराशि प्रस्तावित है। “मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना” के लिए इस आय-व्ययक में 25 करोड़ रूपये का प्रावधान प्रस्तावित है। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना इस योजना के लिए आय-व्ययक में 47 करोड़ रुपये का प्रावधान है। जमरानी परियोजना के निर्माण के लिए आय-व्ययक में इसके लिए 240 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा बजट मे हर क्षेत्र और हर वर्ग का ध्यान रखा गया है यानि इस बजट को आप सम्पूर्ण क्षेत्रीय बजट कह सकते हैं इस बजट मे उत्तराखंड सरकार ने कृषकों का विशेष ध्यान रखा है। बजट पूर्ण रूप से संतुलित बजट है। आपको बता दें कि, बीते वर्ष भी त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने चार मार्च को ही वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश किया था। इस दिन ही सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का ऐलान किया था।

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Author: nirbhiknazar

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