मौ0 तारिक अंसारी
(न्यूज़ एडिटर निर्भीक नज़र)
देहारादून: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत अपना दायित्व संभाल चुके हैं लेकिन तीरथ के मंत्रिमंडल पर अभी संशय बरकरार है। मंत्रिमंडल मे फिलहाल एक अनार सौ बीमार वाली कहावत सामने आ रही है। उत्तराखंड मे विधानसभा चुनाव, 2017 में प्रदेश की 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल करके जबरदस्त बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार की कमान संभालते समय त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने मंत्रिमंडल में अपने अलावा केवल नौ मंत्रियों को ही शामिल किया था। प्रदेश मंत्रिमंडल में अधिकतम 12 सदस्य हो सकते हैं, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह मंत्रिमंडल में दो पद खाली छोड़े गए थे।जून 2019 में प्रदेश के वित्त और आबकारी मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया, जिसके बाद रिक्त मंत्री पदों की संख्या तीन हो गई। सत्ता संभालने के बाद तीरथ सिंह रावत अब अपने मंत्रिमंडल का गठन करने जा रहे हैं। इस क्रम में वह शुक्रवार को दिल्ली जा सकते हैं। अगर कोई पेच न फंसा तो शनिवार तक तीरथ की टीम आकार ले लेगी। मंत्रिमंडल में सभी 11 पदों को भरे जाने की तैयारी है। मंत्रिमंडल में कुमाऊं मंडल को तवज्जो मिलने और महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढऩे की संभावना है। स्वयं मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जल्द मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद मंत्रियों को शपथ दिला दी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, पहले नए सीएम के साथ ही तीन से पांच मंत्रियों को भी शपथ दिलाने की योजना थी। लेकिन मंत्री पद के दावेदारों की लम्बी सूची और गुटीय खींचतान की वजह से ऐन वक्त पर यह निर्णय टाल दिया गया। भाजपा के कई विधायक लम्बे समय से मंत्री बनने की जुगत में हैं। त्रिवेंद्र मंत्रिमडल में उन्हें जगह नहीं मिल पाई थी। जबकि कई जिलों को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया था। त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ विधायकों की नाराजगी की एक बड़ी वजह कैबिनेट का विस्तार न हो पाना और तीन पद लम्बे समय तक खाली रखा जाना भी रहा है। ऐसे में इन सभी लोगों ने अब नए सीएम की कैबिनेट में जगह पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। तीरथ सिंह रावत पर सरकार को नया रूप देने का भी दबाव है। ऐसे में चेहरों के चयन में खासी मुश्किल आ रही है। त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री रहे कुछ कैबिनेट और राज्य मंत्री स्तर के मंत्रियों को हटाया जाना है। चार साल के परफ़ोर्मेंस को इसका आधार बनाया जा रहा है। लेकिन मंत्रियों को कैबिनेट से हटाने का फैसला इतना आसान भी नहीं है। तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बनते ही किसी को कैबिनेट से हटाकर शुरू में ही नाराजगी नहीं लेना चाहेंगे। ऐसे में मंत्रियों के चयन व हटाने को लेकर नई दिल्ली की मंजूरी के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
सीएम बदलने के बाद भी अभी उत्तराखंड भाजपा के विधायकों मे अंदरूनी कलह का संकट थमा नहीं है उत्तराखंड मे जितने मंत्री पद हैं उससे तीन गुना लोग अपने आप को मंत्री बनना देखना चाहते हैं। ऐसे में इन सभी लोगों ने अब नए सीएम की कैबिनेट में जगह पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। ये जगजाहिर है की विधायकों के नाराजगी फिर पार्टी पर भारी पड सकती है। यानि अगर सूत्रों की माने तो पिछले मुख्यमंत्री को सिर्फ इसलिए हटाया गया की उत्तराखंड मे बीजेपी विधायक एकजुट होकर रहें लेकिन मंत्रिमंडल तकसीम होते ही फिर बीजेपी विधायकों मे बगावत के सुर तेज होने की संभावना है। क्योंकि पार्टी की मजबूरी है पार्टी सभी लोगों को मंत्री पद से नहीं नवाज़ सकती। मंत्रिमंडल में सभी 11 पदों को भरे जाने की तैयारी है। इसीलिए प्रदेश में मंत्रियों के चयन व हटाने को लेकर नई दिल्ली की मंजूरी के बाद ही निर्णय लिया जाएगा ताकि सीएम पर कोई आरोप न लग सके।
Cabinet expansion will be done. They'll take oath post this afternoon when we get names from Delhi (central leadership). Parliamentary Board is discussing there, they'll send us names that will be included. 11 ministers to take oath: BJP In-charge of Uttarakhand, Dushyant Gautam pic.twitter.com/uj4XBwXnkK
— ANI (@ANI) March 12, 2021
भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। जब हमें दिल्ली (केंद्रीय नेतृत्व) से नाम प्राप्त हो जाएंगे तो वह आज दोपहर बाद शपथ ले लेंगे। संसदीय बोर्ड इस पर चर्चा कर रहा है। वे हमें वे नाम भेजेंगे, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। 11 मंत्री शपथ लेंगे।
ये हैं संभावित मंत्रियों के नाम
नरेंद्र नगर से विधायक सुबोध उनियाल , बाजपुर से विधायक यशपाल आर्य, चौबट्टाखाल से विधायक सतपाल महाराज, बदरीनाथ से विधायक महेंद्र भट्ट , खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी, यमकेश्वर से विधायक ऋतु खंडूरी, कालाढूंगी से विधायक बंशीधर भगत, हरिद्वार ग्रामीण से विधायक यतीश्वरानंद, डीडीहाट विधायक से विशन सिंह चुफाल, कोटद्वार से विधायक हरक सिंह रावत और श्रीनगर से विधायक धनसिंह रावत को मंत्री बनाए जाने की संभावना है।