ब्यूरो रिपोर्ट
देहारादून: मुख्यमंत्री की ताजपोशी के बाद अब तीरथ सिंह रावत को विधायक पद के लिये चुनाव लड़ना होगा। उत्तराखंड में सरकार का चेहरा बदलते ही सियासत शुरू हो गई है। भाजपा नेतृत्व की ओर से नया सीएम तय होने के बाद अब मुख्यमंत्री के लिए विधानसभा सीट खाली करने को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। सतपाल महाराज ने सीट नहीं छोड़ने की बात कह दी है, तो उन्हें धनसिंह ने जवाब देकर जता दिया कि ये पार्टी तय करेगी। सत्ता के गलियारों में सीएम के चैबट्टाखाल से चुनाव लड़ने की संभावना जाताई जा रही थी लेकिन पौड़ी जिले के चौबट्टाखाल विधानसभा से विधायक एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पौड़ी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का सवाल नहीं बनता है और न ही वे चौबट्टाखाल सीट को छोड़ेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर पौड़ी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम लगाया था।उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन वो किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इसकी चिंता तीरथ सिंह रावत से ज्यादा उन नेताओं को है, जो खुद मुख्यमंत्री की रेस में खुद को शामिल मान रहे थे।
वहीं बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट सीएम तीरथ सिंह रावत के लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं तीरथ सिंह रावत मेरी विधानसभा के चुनाव लड़कर वहां का विकास करें। खुद की मंत्री पद को लेकर दावेदारी की चर्चाओं पर लेकर उन्होंने कहा कि यह काम पार्टी नेतृत्व का होता है, नेतृत्व जो कहेगा हम उसके लिए तैयार हैं। बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट तीरथ सिंह रावत सरकार में मंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। गुरुवार सुबह सीएम तीरथ सिंह रावत के जीएमएस रोड स्थित साईं लोक कॉलोनी के आवास पर पहुंचे और सीएम को पुष्प गुच्छ भेंटकर बधाई दी। सीएम से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। कहा कि मैं आज सीएम से आग्रह करने आया हूं। मैं चाहता हूं कि वह बद्रीनाथ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। मैं उनके लिए सीट छोड़ने के लिए तैयार हूं। यह भी कहा कि मेरी विधानसभा सीमांत विधानसभा है और यदि सीएम वहां से चुनाव लड़ते हैं, तो निश्चित ही विधानसभा का विकास भी करेंगे।
फिलहाल उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत को छह महीने के अंदर विधानसभा में चुनकर आना है। वे किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, अभी इस पर सस्पेंस बना है।