देहारादून: उत्तराखंड के पारंपरिक त्योहार फूलदेई पर आम आदमी पार्टी के केंद्रीय संरक्षक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,आप प्रभारी दिनेश मोहनिया समेत प्रदेश अध्यक्ष एस एस कलेर ने समस्त प्रदेशवासियों को इस पर्व की बधाई दी।
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि –
सभी उत्तराखंड- वासियों को बंसत ऋतु आगमन के लोकपर्व फूल देई,छम्मा देई की हार्दिक शुुुुभकामनाएं। ये संक्रांत पर्व आपके एवं आपके बच्चों के जीवनमें फूलों सी महक और उन्नति का प्रकाश लेकर आए। बाबा बद्री विशाल से मैं उत्तराखंड के सुख – समृद्धि की कामना करता हूं।
सभी उत्तराखंड-वासियों को बसंत ऋतु आगमन के लोकपर्व 'फूल देई, छम्मा देई' की हार्दिक शुभकामनाएं।
ये संक्रांत पर्व आपके एवं आपके बच्चों के जीवन में फूलों सी महक और उन्नति का प्रकाश लेकर आए। बाबा बद्री विशाल से मैं उत्तराखंड के सुख-समृद्धि की कामना करता हूं।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 14, 2021
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि –
फूलदेई,छम्मा देई,दैणी द्वार,भर भकार,ये देली स बारंबार नमस्कार। देवभूमि उत्तराखंड के पावन पर्व फूलदेई की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
फूलदेई, छम्मा देई,
दैणी द्वार, भर भकार,
ये देली स बारंबार नमस्कार…
(यह देहरी फूलों से भरपूर और मंगलकारी हो। सबकी रक्षा करे और घरों में अन्न के भंडार कभी खाली न होने दे)देवभूमि उत्तराखंड के पावन पर्व फूलदेई की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
— Manish Sisodia (@msisodia) March 14, 2021
आप प्रभारी ने कहा की फूलदेई,छम्मा देई,दैणी द्वार,भर भकार,ये देली स बारंबार नमस्कार। देवभूमि उत्तराखंड के पावन पर्व फूलदेई की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। बसंत ऋतु के स्वागत का यह लोकपर्व आप सभी के जीवन में सुख और समृद्धि ले कर आए।
फूलदेई के पावन पर्व पर आप प्रदेश अध्यक्ष एस एस कलेर ने कहा कि ,फूलदेई का पर्व प्रकृति के संरक्षण एवं हमारी संस्कृति का द्योतक है। प्रकृति के इस लोकपर्व एवं प्राचीन संस्कृति को संजोए रखने के लिए हम सबको प्रयास करने होंगे। आप अध्यक्ष ने कहा कि, फूलदेई का पर्व हमें पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि, चैत्र माह की शुरुआत में यह पर्व उत्तराखंड में बच्चों द्वारा बडे हर्षोलास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व का सदियों पुराना इतिहास जहां मानव से जुडा है वहीं यह त्योहार पर्यावरण और प्रकृति का भी द्योतक है।
उन्होंने कहा कि, आज विकास के नाम पर कंकरीट के जंगल खडे कर, हरे भरे पेडों की बलि दी जा रही है जो पर्यावरण के लिए बिलकुल भी उपयुक्त नहीं है। उन्होेंने कहा कि, आज हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि, इस धरा को हरा भरा रखने के लिए सभी को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि, मानव भूल ने हमेशा ही मानवता को जख्म दिए हैं ,और 2013 की आपदा और अभी हाल ही में चमोली में आई भीषण आपदाएं उत्तराखंड में इसका सबसे बडा उदाहरण हैं। आप अध्यक्ष ने कहा कि ,इंसान आज अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति से भी खिलवाड करने से बाज नहीं आ रहा है ,और इसका हर्ष भी सभी देख चुके हैं। इसलिए आज के पावन पर्व पर हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि, प्रकृति के बचाव और आने वाली हमारी नई पीढियों के उत्थान के लिए हम सभी को ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करते हुए पेडों का सरंक्षण करना चाहिए।