निर्भीक ब्यूरो
रांची : कोविड-19 से ग्रसित मरीजों के लिए रांची में 2281 बेड तैयार किए गए हैं। रिम्स रांची में 252 नॉर्मल कोविड बेड की व्यवस्था की गई है। यहां बिना लक्षण के कोविड-19 मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है।यहां ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड 90, आईसीयू बेड 88 तथा 48 वेंटीलेटर बेड हैं। सदर अस्पताल में 62 ऑक्सीजन बेड, 60 आईसीयू बेड और 60 वेंटीलेटर बेड हैं। सीसीएल गांधीनगर में 60 नॉर्मल बेड, 10 आईसीयू बेड और 05 वेंटीलेटर बेड है। खेलगांव स्थित कोविड केयर सेंटर में 710 नॉर्मल बेड है। निजी अस्पतालों में 189 नॉर्मल बेड, 404 ऑक्सीजन बेड, 190 आईसीयू बेड और 53 वेंटीलेटर बेड तैयार किए गए हैं।
झारखंड मे कोरोना के मरीजों ने तोड़ा रिकार्ड
राज्यभर में बुधवार देर रात तक 1312 नये संक्रमित मिले हैं। ये इस साल का एक दिन का सर्वाधिक आंकड़ा है। वहीं सात संक्रमितों की मौत हो गयी है। इनमें रांची से चार, देवघर, दुमका और कोडरमा से एक-एक मरीज की मौत हो गयी है। राज्यभर में 22105 सैंपल की जांच हुई है और 5.93 प्रतिशत संक्रमित मिले। राज्य में अब तक कुल 130908 संक्रमित मिल चुके हैं। वहीं 121885 स्वस्थ हो चुके हैं। दूसरी ओर 1151 की मौत हो चुकी है. इस समय कुल एक्टिव केस 7872 हैं।
राज्य में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जांच की गति को बढ़ा दी गयी है। रांची जिला में मंगलवार (छह अप्रैल) को को 5,595 लोगों की जांच की गयी, जिसमें 9.6 फसदी यानी 539 संक्रमित मिले. डॉक्टरों का कहना है कि जांच से ही संक्रमितों की पहचान की जा सकती है। एक संक्रमित पांच से छह गुना की रफ्तार से संक्रमण फैला सकता है।
ऐसे में संक्रमित के संपर्क में आये लोगों की पहचान हो जाये तो संक्रमितों का इलाज भी समय पर होगा और उनके संपर्क में आये लोगों की मॉनीटरिंग भी होगी। सिविल सर्जन डाॅ वीबी प्रसाद ने बताया कि जांच की संख्या बढ़ायी गयी है, जिससे संक्रमितों की पहचान हो रही है। जरूरत पड़ी तो जांच की संख्या को 7,000 प्रतिदिन तक किया जायेगा। जांच से ही संक्रमित व उसके संपर्क में आये लोगों की पहचान हो सकती है। इससे कोरोना के फैलाव को रोका जा सकता है। हालांकि वर्तमान जांच की गति को और तेज करने की जरूरत है।
–डॉ तापस साहू, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ