पटना: पीएमसीएच में जिंदा पेशेंट को मुर्दा घोषित करने के बाद एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। ये लापरवाही कोरोना जांच रिपोर्ट से जुड़ी है। दरअसल, 5 दिन बाद आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट ब्लैंक दे दी गई है। इसमें न तो निगेटिव लिखा है और न ही पॉजिटिव। ऐसे में रिपोर्ट प्राप्त करने वाला ही नहीं, बल्कि इस रिपोर्ट को देखकर आप भी आश्यर्च में पड़ जाएंगे। ज्ञात हो कि कोई भी जांच हो, उसका लैब रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। साथ ही रिपोर्ट देने से पहले जांच करने वाले लैब की ओर से अधिकृत सिग्नेचर होता है। ये सब कुछ रिपोर्ट में है लेकिन मेन बाद रिजल्ट ही ब्लैंक है।
6 दिन इंतजार के बाद रिपोर्ट
रिपोर्ट कोरोना के आरटीपीसीआर जांच की है। लैब रजिस्ट्रेशन नंबर 3344 है। यह अनु कुमारी नाम की एक नौ वर्षीय लड़की का है। सैंपल 15 अप्रैल को पीएमसीएच के वायरोलाजी लैब में कलेक्ट किया गया था। रिपोर्ट 5 दिन बाद यानी छठवे दिन 20 अप्रैल को आई। लेकिन जब रिपोर्ट आई तो रिपोर्ट प्राप्त करने वाले को बड़ी हैरानी हुई। इसके बाद रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और एक बार फिर पीएमसीएच की बड़ी लापरवाही सामने आ गई। इससे पहले 12 अप्रैल को पेशेंट और रिलेटिव को बताए बिना बेड बदलने से पीएमसीएच में जमकर हंगामा हुआ था।
रिपोर्ट में रिजल्ट का कॉलम ब्लैंक छोड़ देना बड़ी लापरवाही है। इसे पोर्टल से मिलाया जाएगा। जिनकी रिपोर्ट है उन्हें इसकी सूचना दी जाएगी ताकि उन्हें सही रिपोर्ट मिल सके।
-डॉ विद्यापति चौधरी, प्रिंसिपल पटना मेडिकल कॉलेज